Ujjain : 8 से 12 दिसंबर तक मनाया जाएगा अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, गीतकार मनोज मुंतशिर आयोजन में शामिल होकर बढ़ाएंगे शोभा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

गीता जयंती, हिंदू धर्म में एक अद्भुत और पवित्र पर्व है, जिसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन श्रीमद्भगवद्गीता के जन्म का प्रतीक है, जो न केवल एक ग्रंथ है, बल्कि जीवन का सार भी है। इस वर्ष गीता की 5160वीं जयंती मनाई जाएगी, जो भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए दिव्य ज्ञान की स्मृति को ताजा करती है। वहीं, गीता जयंती के दिन भगवान कृष्ण के भक्त भगवद्गीता का पाठ करते हैं और इस पवित्र ग्रंथ के संदेशों का स्मरण करते हैं।

कहा जाता है कि इस दिन, जब महाभारत के युद्ध में अर्जुन एक बड़े धर्मसंकट में थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का अद्भुत ज्ञान दिया। यह ज्ञान सिर्फ अर्जुन के लिए नहीं था, बल्कि पूरी मानवता के लिए था। श्रीमद भगवत गीता विश्व का एक इकलौता ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि गीता का उदय भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ और इसमें सभी श्लोक उन्हीं के द्वारा कहे गए हैं। इसलिए गीता जयंती मनाई जाती है।

वहीं, जानकारी के लिए आपको बता दें कि उज्जैन में गीता जयंती पर अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। यह महोत्सव कालीदास संस्कृत अकादमी में 8 से 12 दिसंबर तक मनाया जाएगा। जिसमें गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला भी शामिल होंगे। बता दें, अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पहले दिन 8 दिसंबर को मनोज मुंतशिर गीता पर संवाद करेंगे। 9 दिसंबर को श्रीकृष्ण पर आधारित एक महानाट्य का प्रदर्शन होगा। 10 दिसंबर को गीता पर आधारित एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुंबई के दल द्वारा ‘श्री कृष्ण अनेक नाम – अनेक धाम’ की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं, 11 दिसंबर को गीता पाठ के साथ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें विवेक बिंद्रा, जो एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं, उपस्थित रहेंगे और पुरस्कार वितरण भी किया जाएगा। अंत में, 12 दिसंबर को सम्पूर्ण गीता पाठ और यज्ञ के आयोजन के साथ महोत्सव का समापन किया जाएगा। इसके अलावा 8 से 12 दिसंबर तक एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

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